डॉल्फिन, बढ़ गए मगरमच्छ

चंबल नदी के हालात मानवीय गतिविधियों से दूर रहने वाले साफ पानी के जलीय जीवों के लिए अब मुफीद नहीं रह गए हैं. 7 फरवरी से 19 फरवरी तक चले वन विभाग के सर्वे के आंकड़े वन संरक्षक मुरैना की टेबल तक आ गए हैं. समीक्षा और वर्गीकरण के बाद इन आंकड़ों को वन संरक्षक मुरैना के ऑफिस में फाइल किया गया है.


10 मार्च को यह आंकड़े मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान वन विभाग के लिए जारी कर दिया जाएगा. फिलहाल जो आंकड़े आए हैं, उनके मुताबिक चंबल नदी में घडिय़ालों की संख्या 2019 की तुलना में 1876 से घटकर 1859 रह गए हैं. जबकि साल 2018 की तुलना में डॉल्फिन की संख्या 74 की तुलना में घटकर 68 रह गई है. डॉल्फिन के मामले में ये गिरावट काफी अधिक और चिंताजनक है.