दिल्ली. दिल्ली हिंसा के पीछे भड़काऊ बयानबाजी के मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाने की मांग मान ली है.
तुषार मेहता के बाद याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा, उनके मुवक्किल को केंद्र के पक्षकार बनने से एतराज नहीं. लेकिन गौर करने वाली बात है कि ये भड़काऊ बयान चार बड़ी राजनीतिक हस्तियों की ओर से आए हैं. इन नारों को रैलियो में उछाला गया. इनमें लोगों को मारने की बात कही गई. परसों भी एक बयान आया, इन सबसे हिंसा भड़की वरना उसजे पहले प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था. इसी बीच सरकार की ओर से कोर्ट को जानकारी दी गई कि कुल 48 FIR अभी तक हिंसा, लूट से जुड़ी अलग अलग धाराओं में दर्ज हुई है.