पोषण प्रबंधन लागू करने वाला पहला राज्य मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहाँ अति-गंभीर कुपोषित बच्चों के लिये समुदाय आधारित पोषण प्रबंधन (सी-सेम) को अभियान के स्वरूप में प्रारंभ किया गया है। अभियान दो चरणों में क्रियान्वित किया जायेगा। पहले चरण में प्रदेश के 97 हजार 135 ऑगनवाड़ी केन्द्रों में 20 फरवरी तक अति गंभीर कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन की कार्यवाही जारी है। महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने विभागीय कार्य-योजना-2020 की जानकारी देते हुए बताया कि दूसरे चरण में केन्द्र आधारित पाँच दिवसीय स्वास्थ्य परीक्षण और निर्धारित मेडिसिन प्रदाय किया जायेगा। इसमें 12 सप्ताह तक पोषण, अवलोकन और परामर्श तथा ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण दिवसों पर मासिक स्वास्थ्य और पोषण की जाँच की जायेगी।


मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने बताया कि 10 से 15 प्रतिशत अति गंभीर कुपोषित बच्चों को चिकित्सकीय जटिलताओं के कारण उपचार की आवश्यकता पड़ती है। 85 से 90 प्रतिशत अति गंभीर कुपोषित बच्चे, जिन्हें चिकित्सकीय जटिलता नहीं होती है, उनका समुदाय स्तर पर बेहतर पोषण प्रबंधन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सीमेस एप द्वारा प्रबंधन की निगरानी एवं पर्यवेक्षण किया जा रहा है। श्रीमती इमरती देवी ने बताया कि इस अभियान से लगभग 80 लाख बच्चों का शारीरिक माप कर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जा सकेगा। साथ ही, लगभग 80 से 85 प्रतिशत बच्चों का समुदाय स्तर पर पोषण प्रबंधन भी किया जायेगा।